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पहले इस बात पर बहुत ज्यादा विश्वास नहीं था पर अब है की दुआ / प्रार्थना में बड़ी शक्ति है.
17 मई को शाम में बड़े भाई का फोन आया की माँ की तबियत फिर से ख़राब हो गयी है और उन्हें एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भारती कराया गया है , उसके पहले भी माँ लगभग 20 दिन तक हॉस्पिटल में रह कर घर लौटी थी और उन्हें घर लौटे केवल 15 दिन ही हुए थे , ये खबर सुन कर दिल एक बार काँप सा गया , केवल डेढ़ साल पहले ही तो मैंने अपने पिता को खोया था और अब माँ ………….., सहम सा गया था ये खबर सुन कर , हर थोड़ी देर के बाद फोन करके माँ का हाल पता कर रहा था पर कोई अच्छी न्यूज़ नहीं मिल प् रही थी ,
किसी तरह रात बीती , और दुसरे दिन भी माँ की हालत में कोई सुधर नहीं हो रहा था , लगभग 12 बजे घर से पता चला की डॉक्टर ने जवाब दे दिया है और माँ को किसी बड़े हॉस्पिटल में …………………, क्योंकि माँ की हालत इस लायक नहीं थी की उन्हें कहीं बाहर ले जाया जाये , भाई उन्हें हमारे ही शहर के एक बड़े हॉस्पिटल में ले कर गए पर वहां भी डॉक्टर्स ने वही कहा . माँ का BP नहीं के बराबर था और पल्स भी …………, जब भाई ने ये बात मुझे बताई तो मुझे कुछ सूझा ही नहीं , दिमाग ने जैसे काम करना बंद कर दिया था , मुझे अपनी वार्षिक छुट्टी से लौटे हुए केवल एक माह ही हुआ था और ऐसे में फिर से …………, पर फिर भी रहा नहीं गया ,
इमर्जेंसी लीव के लिए तुरंत ही पपर भर करके अपने बोस से साइन कराया , अच्छा ये है की मै अपनी कम्पनी के हेड ओफ्फिस में हूँ , इस लिए पेपर वर्क में ज्यादा समय नहीं लगा , और केवल 6 घने के अन्दर मैंने इंडिया के लिए फ्लाईट पकड़ ली , बुरा ये है की मेरे शहर तक के लिए कोई डाइरेक्ट फ्लाईट नहीं है , और मुझे पहले बॉम्बे फिर वहां से डेल्ही और फिर वहा से अपने स्टेट के कैपिटल तक की फ्लाईट मिली , वहां से ट्रेन पकड़ कर के अपने शहर ….., और इस बीच में मेरे 17 घंटे निकल गए , दिल की हालत क्या थी वो शब्दों में कहा नहीं जा सकता , माँ इस बीच ICU में थी , और किसी को उनको देखने के परमिशन नहीं थी , शाम में स्टेशन से डाइरेक्ट हॉस्पिटल पहुंचा , और माँ से मिलने के लिए 2 घनता और प्रतीक्षा करनी पड़ी , 7 बजे उन को देखने को मिला , वो भी केवल चाँद मिनटों के लिए , ऑक्सीजन लगा हुआ , ग्लूकोज़ चढ़ा हुआ , देख कर अपने आपको रोक नहीं पाया , बड़े भाई की आँख से भी आंसू निकल पड़े , डॉक्टर्स कह रहे थे की बचने के चांसेस नहीं के बराबर है और संभवतः चाँद घंटे ……., बस दुआ करें , कुछ समझ में नहीं आया तो जितनी लोग भी मोबाईल के एड्रेस लिस्ट में थे , अक्सर को फोन करके माँ के लिए दुआ करने को कहा , राज भाई को भी ………………..,
6 दिन तक माँ ICU में रही , डॉक्टर्स कह चुके थे की अब बचने के चांस नहीं है पर वो डाक्टर्स हैं , और उनसे ऊपर एक शक्ति है , जिन्हें हम सब अलग अलग नाम से जानते हैं , पुकारते हैं, कोई भगवन , कोई God , कोई अल्लाह …………., उसने दिखाया की डॉक्टर , भगवन नहीं है , वो केवल डाइग्नोस कर सकता है , दवा दे सकता है पर वो …………
आप सब की दुआ से माँ की हालत में सुधार होने लगा , और अगले 32 दिन तक हॉस्पिटल में रहने के बाद वो वापस घर आई , भले ही पूरी तरह से ठीक ना हो , भले अपने से उठ भी ना पाती हो , भले वो केवल बिस्तर पर पड़ी रहती हो , पर वो हैं तो , उनका साया हमारे सर पर है तो ,
और मेरा विश्वास है की ये सब , दुआ के कारण हुआ है , जो वो जा के भी वापस आ गयी , हॉस्पिटल में डाक्टर्स ने भी यही कहा , की माँ जी , आप को ऊपर वाले ने फिर से वापस कर दिया है , पर मै मानता हूँ , की ये बहुत सारे लोगों की दुआ का फल है , उनमे से आप सब भी , मेरे मंच के साथी , आप सब का बड़ा हाथ है माँ के लौटने में .
आप सब का कर्जदार हूँ , आभारी हूँ , और सदा रहोंगा ….
और अंत में यही कहूँगा की वो ज़रूर सुनता है , अगर दिल से माँगा जाये , दुआ की जाये , उसके लिए जबान नहीं , दिल ………….
वो ज़रूर सुनता है .
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