- 46 Posts
- 1192 Comments
अरे नहीं -नहीं , ऐसा न समझे की मैंने कोई ऐसी हरकत कर डाली जो की मेरे चरित्र पर दाग लगा दे , या मैंने किसी सड़क पर किसी को ……………, या मैंने चोरी , डाका आदि आदि …., ऐसा कुछ नहीं है पर मै अब यही कह रहा हूँ , की हाय मैंने ये क्या कर डाला ?
शाम में घर लौटा तो बगल के घर में उठ रहे शोर में मेरा नाम सुनाई दिया , दिल एक बार फिर कराह उठा , आज फिर से मेरी सात पुश्तों को गाली मिलेगी ( बेचारी जिनका अभी कोई अस्तित्व ही नहीं है पर मेरे कारण उनको भी ….).
अब आप सोच रहे होंगे की मैंने अपने पड़ोसी के घर में क्या कर डाला ? नहीं – नहीं , मै फिर से दुहरा दूं की मैंने उनकी लड़की को नहीं छेड़ा , बेटे को नहीं मारा , अंकल को गाली नहीं दी , उधार पैसा लेकर नहीं लौटाया ,……………..इसके पहले की आपकी सोच मेरे बारे में और कुछ और गंभीर और गलत सोचे मैं आपको ये बता दूं की मैंने ऐसा कुछ नहीं किया , मेरा महा पाप केवल ये है की मैंने उनकी लड़की के विवाह के लिए एक लड़के के बारे में बताया था और उसी के साथ उसका विवाह हुआ था .
आप सोच रहे होंगे की ये क्या बात हुई , शादी कराने के लिए मेरे पड़ोसी मेरी सात पुश्तों को क्यों …..? अब क्या कहूं साथियों , मेरी तो मत ही मारी गयी थी , जो समाज सेवा की भावना से ओत प्रोत होकर मैंने अपने पड़ोसी की सुन्दर और सुशील कन्या (?) का विवाह , अपने जानते में एक अच्छे लड़के से करा दिया , जिस समय विवाह की बात चीत चल रही थी मुझे स्पेशल ट्रीटमेंट मिलता थे , वो लोग मेरी प्रंशसा करते नहीं थकते थे पर ………………………….. हाय क्या से क्या हो गया ……..
हुआ कुछ यूँ की शादी के कुछ दिन के बाद , लड़के को पता चला की लड़की जब खाने में मीठा बनाती है तो दरअसल वो तीखा हो जाता है और जब तीखा तो मीठा , जब वो मार्केटिंग के लिए निकलती है तो पतिदेव की पूरे महीने का वेतन एक बार में ही , सुबह को सोकर उठते उठते उसे दोपहर हो जाती थी और ना जाने इसी तरह के कितनी सारी ……..……, ( ये सारी बातें मुझे उन पतिदेव से पता चली जिनके साथ उनका विवाह हुआ था )
और फिर शादी के बाद लड़की को पता चला की लड़का तो महा मूर्ख है , माँ के पल्लू से बंधा रहता है , सारा वेतन माँ के हाथ में लाकर देता है , घूमने फिरने के लिए निकलता ही नहीं , उसका वेतन भी काफी कम है , धुम्रपान करता है और ना जाने क्या क्या कमियाँ …… ( ये सारी बातें मुझे लड़की के पिता श्री ने बड़े गुस्से से और गाली………….), कुछ ही महीनो के बाद दोनों में कहा सुनी होने लगी और लड़की घर आकर अपने पतिदेव की महानता की किस्से सुनाने लगी ….., और फिर शुरू हुआ मेरे ऊपर उनका ढेर सारा प्यार ……….., मुझसे कहा गया की तूने ( जब विवाह की बात चल रही थी तो मै आप कह के …….) किस बात का बदला मेरी बेटी से लिया , ऐसा लड़का , ऐसा घर दिया जिसने की बेटी का जीवन ही नरक ………, धीरे धीरे ………………., और अब तो मै ही नहीं मेरी कई नस्लें …………………………. बेचारी , बिना किसी पाप और दोष के …..…..
अब क्या कहें , मै तो केवल यही सोचता रहता हूँ , की हे इश्वर – हाय मैंने ये क्या कर डाला …..…….,
अब तो मै आपको यही सलाह दूंगा की की भय्या सब कुछ कर लेना पर रिश्ता ……………………., कभी नहीं .
* हास्य और व्यंग के सम्राट , श्री राजकमल जी और मधु भाभी को समर्पित .
Read Comments