तेरी याद
घर से लौटने के बाद कुछ दिनों तक तबियत कैसी रहती है आपमें से हर, वो कोई जानता होगा जो की बाहर रहता है / अपनों से दूर रहता है. ऐसे में कृष्ण अदीब जी की ये ग़ज़ल दिल का हाल बड़े खूबसूरत तरीके से ………….
आप सब के साथ भी इसे शेयर करना चाहूँगा..
जब भी आती है तेरी याद कभी शाम के बाद
और बढ़ जाती है अफ्सर्दा दिली शाम के बाद
अब इरादों पे भरोसा है ना तौबा पे यकीं
मुझको ले जाए कहाँ तशनालबी शाम के बाद
यूँ तो हर लम्हा तेरी याद का बोझल गुज़रा
दिल को महसूस हुई तेरी कमी शाम के बाद
यूँ तो कुछ शाम से पहले भी उदासी थी “अदीब”
अब तो कुछ और बढ़ी दिल की लगी शाम के बाद
१. अफ्सर्दा :- दुखी १. तशना :- प्यास
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