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सर्वप्रथम तो आप सब को नए साल की शुभ कामनाएं !
सोचा इस वर्ष का सबसे पहला ब्लॉग किस विषय पर लिखा जाये , कविता /ग़ज़ल लिखा जाए पर जब अपनी सीमित क्षमता को देखा तो कहा की भय्या ….. जाने ही दो .
सड़क से गुज़र रहा था तो एक युवक को देखा जो काफी परेशां लग रहा था , सर्दी में भी माथे पे पसीना , बस ऐसे ही प्रश्न कर बैठा – की क्या हुआ भाई , बड़े परेशां लग रहे हो ? युवक जैसे पहले से ही भरा हुआ बैठा था , गुस्से में बोला -तुमसे मतलब ? मैंने कहा भाई मै तो तुम्हे परेशां देख कर ऐसे ही पूछ बैठा . मै तो आपको जानता भी नहीं हूँ , केवल इंसानियत के नाते ….. इस बार वो एक पल शांत रहा और फिर बोला , माफ़ी चाहता हूँ , मै किसी और बात का गुस्सा आप पर उतार रहा था , एक बार मै फिर अपनी इंसानियत के चलते (?) उस से पूछ बैठा – भाई क्या हुआ , अगर बुरा ना मनो तो कह दो .
उसने एक लम्बी सांस भरी और कहा , मै MA हूँ और काम दूंध रहा हूँ , अभी एक जगह interview दे कर आ रहा हूँ , पर लगता नहीं की ……..
उसके बाद मै काफी देर तक उससे बातें करता रहा और उसकी हिम्मत बढाता रहा ……..
यहाँ पर मुझे एक विषय भी मिल गया – बेरोज़गारी
आप सभी इस शब्द को भली भांति जानते हैं की इसका मतलब होता है –लोगों के पास हाथ तो हैं पर काम नहीं , योग्यता तो है पर नौकरी नहीं या उनकी योग्यता के अनुरूप नहीं .
दिन बा दिन ये समस्या बढती जा रही है, और हर रोज़ हजारों युवक और युवतियां नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं , आंकड़ो की माने तो २०३० तक हमारे देश में बेरोजगारों का प्रतिशत 30% तक पहुँच जायेगा . कुछ समय पहले एक सुर्वे के मुताबिक भारत में 70% लोग रोजाना 100 रूपये से कम में गुज़र बसर करते हैं .
अगर देखा जाये तो बेरोज़गारी के मुख्यतः जो कारण समझ में आते हैं वो हैं :
आज हमारी श्रम शक्ति हर वर्ष 2.5 की औसत से और रोज़गार 2.3 की औसत से बढ़ रहे है , इस कारण भी ये गैप बढ़ता जा रहा है . हमारे देश में 60% जानता स्वरोजगार से जुडी हैं , और अक्सर काफी बुरी स्थिथि में हैं . इसमें से काफी लोगों को कभी काम मिलता है तो कभी नहीं .
आज आवश्यकता है की इस समस्या को दूर करने के लिए सुनियोजित और दृढ कदम उठायें जाएँ , इसके लिए जो कुछ बातें , जो मुझे लगती है की काफी बदलाव ला सकती हैं वो ये हैं
इश्वर से प्रार्थना है की इस नए साल में , कोई भी युवक / युवती बेरोजगार ना रहे , कोई भी पेट भूखा ना रहे , कोई भी लड़की सड़क पर ….. , कोई भी समाज केवल प्रेम करने पर , कोई भी बच्ची अपनी माँ के पेट में ………………………….
और भी बहुत सारे कोई भी ———– कोई भी ……..….………
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