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मै काफी दिनों से अपने बढ़ते हुए वजन से बहुत चिंतित हूँ और रोज़ सोचता हूँ की कल सुबह से रोज़ जोगिंग के लिए जाऊँगा , और फिर कल्पना के पंखो पे सवार होकर सोचने लगता हूँ की मेरा भी जोगिंग करने से वजन कम होगा और फिर कुछ दिनों में ही मै व्यायाम शुरू कर दूंगा और मेरे भी सिक्स पैक हो जायेंगे . पर वास्त्क्विकता तो यही है की मेरे ये हवाई किले , हवा में ही रह जाते हैं और मै सिक्स पैक का बजाये फॅमिली पैक के साथ घूम रहा हूँ , और वो कल कभी आता ही नहीं .
ये मेरी ही नहीं बल्कि मेरे जैसे ना जाने कितने लगों की समस्या है . हम रोज़ बहुत सारे कामो को करने का संकल्प करते तो हैं पर करते नहीं है , या करते हैं तो बहुत जल्दी उसमे रुचि खो बैठते हैं . इस समस्या को PROCRASTINATION कहते हैं . यानि ताल मटोल करना , इससे प्रभावित व्यक्ति , हमारी प्रसिद्ध उदाहरण “ काल करे सो आज करे और आज करे सो अब ” के बजे “आज करे सो काल करे , काल करे सो परसों , इतनी जल्दी कहे की , अभी तो जीना बरसों को फोल्लो करता है .
procrastination के मानसिक और शारीरिक दोनों कारण होते हैं , मानसिक रूप से ग्रसित व्यक्ति अत्यधिक उत्सुकता , कम आत्म विश्वास और सपनो में जीने वाला होता है , जिसका काम ही हवाई किले बनाना होता है, उसके विपरीत शारीरिक रूप से प्रभावित व्यक्ति में ये PRE FRONTAL CORTEX नाम के एक ग्रंथि के कारण होता है जो हमारे मस्तिष्क में फ़िल्टर का काम करता है. इसका काम होता है , हमारे एकाग्रता को बनाये रखना और अगर ये ठीक से काम ना करे तो व्यक्ति प्रोक्रैस्तिनैशन का शिकार हो जाता है.
अगर मै इससे प्रभावित व्यक्ति के लक्षण बताने लागून तो ये लेख बहुत लम्बा हो जायेगा इसलिए मै ये आप पर ही छोड़ता हूँ की आप खुद ही ………… इसलिए मै केवल इस से बचने के कुछ उपाय आपके साथ बांटना चाहूँगा
1. किसी भी कार्य को करते समय , अपने आप को प्रेरित करते रहें की दुनिया में कोई भी सम्पूर्ण नहीं है और कार्य को करने में विफलता आपको हतोस्साहित , या ये की वर्तमान से अच्छा कोई समय नहीं है
2. अपने कार्यों को महत्व के आधार पर बांटे और जिसका महत्त्व सबसे अधिक है , उसे पहले करें
3. कार्य समाप्ति की एक समय सीमा निश्चित करें और उसी में उसे पूरा करने का प्रयास करें
4. कार्य को करने के लिए जो आपको सबसे सही समय लगे तभी करें
5. किसी भी बड़े कार्य को छोटे छोटे पार्ट्स में बाँट कर के उसे करें
6. किसी भी तरह की विघ्न से बचें
7. बीच में ब्रेक लेते रहें पर ब्रेक इतना लम्बा ना हो की आप उस कार्य के बजाये किसी और कार्य में लग जाएँ.
8. कठिन और आरूचिकर कार्यों को पहले करें ताकि बाद में आसन काम कर सकें
9. अपने पर प्रेशर टैक्टिस डालें , यानि अगर किसी कार्य को करने जा रहें हैं तो उसे किसी को बताएं , इससे आप के ऊपर इस काम को करने का दबाव होगा वरना आप जिसे बताएँगे वो आपको कमजोर इरादों वाला और केवल बोलने वाला ही समझेगा और ये आप पर प्रेशर डालेगा की आप उस कार्य को करें
10. सदा रीसनैब्ल गोअल ही सेट करें , ताकि आप उस कार्य को कर सकें
आशा है की इन बातों से से आप इस आदत से अपने आपको बचा सकेंगे और आपको ये नहीं सोचना पड़ेगा की काश …………… हमने अपने समय का सदुपयोग किया होता. काश ………
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