Menu
blogid : 2730 postid : 98

वो भी तो किसी की बहन होगी!

mere vichar
mere vichar
  • 46 Posts
  • 1192 Comments
आज टीवी पर एक समाचार देखा (और सुना ) की दिल्ली पुलिस ने कल एक ऑटो में, एक युवती के साथ किए गए ……….. अपराधी  का चित्र जारी किया है, दिल एक बार इस तरह की घटना सुनकर दहल गया, न जाने कौन होगी वो अभागी, अबला, जो किसी वासनामयी दानव की भेंट चढ़ गयी, पता नहीं कौन हो वो पर होगी तो वो भी किसी माँ-बाप की बेटी, किसी भाई की बहन  ……. और ध्यान यकायक कुछ साल पीछे चला गया इस वाक्य पर की वो भी तो किसी भाई की बहन  होगी .
 
कुछ साल पहले हम अपने कुछ साथियों के साथ कालेज से वापस लौट रहे थे, रास्ते में एक गर्ल्स कालेज पड़ता था, और एक लड़की अकेले ही वहां से वापस आ रही थी. हमारे ग्रुप में से ही एक लड़के ने उस लड़की पर कोई अश्लील कमेन्ट किया. हम सब ही एक पल के लिए स्तब्ध रह गए, उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया था, और शायद इसीलिए वह हमारे मित्रों की श्रेणी में आता था. मैंने उससे कहा की ये तुमने कैसे किया? अगर इसकी जगह तुम्हारी बहेन होती और कोई उस पर इस तरह के कमेन्ट करता  तो तुम्हे कैसा लगता, आखिर वो भी तो किसी की बहन  है, बात बढ़ गयी और उसने हमलोगों का साथ छोड़ दिया, या ये कह लें की हमने उस से किनारा कर लिया,
 
इस घटना के कुछ समय के पश्चात, शायद २ माह के बाद एक दिन वही युवक ( जो के अब हमारा मित्र नहीं रह गया था) मेरे पास आया, और वो बहुत परेशान लग लग रहा था, और साथ में चोटिल भी था. हमने मानवतावश उस से पूछा की ये क्या हो गया? तो तो रो पड़ा. उसने बताया की उसकी एक बहन को कुछ लड़के परेशान करते रहते थे पर उसने ये बात घर में नहीं बताई थी, जब वो लोग हद से बढ़ने लगे तो उसने ये बात घर में बताई.  क्रोध में आकर वो उन लड़कों से लड़ पड़ा. वो लोग बदमाश टाइप के थे और कई थे इस लिए उसे चोट भी आ गयी, वो पुलिस में भी नहीं जाना चाहता था, उसे अपनी उस गलती का एहसास हो गया था जो उसने, उस दिन की थी.
 
उसके बाद की कहानी कुछ अलग है जिसका इस रचना के कोई खास लेना देना नहीं है, बस इतना बता दूं  की हम अपने उस मित्र (पश्चाताप की आग, सारे पापों  को धो देती है) के साथ उन लडको के पास गए और मैंने उनको भी यही समझाया की तुम्हारी भी तो बहन होगी ………………… पर वो समझे नहीं और फिर हमने उनको ………………………… समझा  दिया, कैसे ये न पूंछे तो ही अच्छा है. वैसे वो समझ गए क्योंकि दुबारा फिर उन्होंने हमारे मित्र की बहन के साथ कोई ऐसी हरकत  नहीं की. 
 
इस समाचार के बाद बस यही विचार मन में आ रहे थे  की काश कोई भी इस तरह की जघन्य अपराध के पहले सोचता की उसकी भी तो कोई बहन होगी और अगर उस बहेन के साथ ……
आखिर हम सोचते क्यों नहीं की वो भी तो किसी की बहन होगी.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh