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मैंने कुछ दिन पहले एक टाइम मनाजेमेंट प्रोग्राम अटेंड किया जिसमे हम से पूछा गया की आपके जीवन में अभी कितना समय बाक़ी हैं ?
हम सब का उत्तर था की ये तो उपर वाला ही जानता है , हम थोड़ी न अन्तर्यामी हैं , तो जो प्रोग्राम कंडक्ट कर रहे थे , उन्होंने कहा की हमारे देश में औसत आयु , ६५ साल है , अब आप ये करें की अपनी आयु के हिसाब से जोड़ लें की अभी आप लगभग कितना और जियेंगे? .
हम सब ने उस आधार पर अपनी अपनी आयु नोटपैड पर लिख ली ,
उन्होंने हम एक डाटा दिया जिसमे बताया गया थी की हम अपने जीवन में औसतन इतना समय इन कार्यों को करते हुए vyateet करते हैं .
सोने में :20 वर्ष
टीवी देखते हुए :10 वर्ष
अपनी जीविकार्जन में :9 वर्ष
भोजन में :4 वर्ष
पुस्तकें पढने में :2 वर्ष
स्नान करने में :6 मॉस
ब्रुश करने में :3 मॉस
तेलेफोने को ड़ाल करने में :1 मॉस
ट्राफिक लाइट बदलने के इन्तेज़ार में : 1 मॉस
बार्बर शाप में : 1 मॉस
जूते के फीते बाँधने में :8 दिन
उन्होंने ने कहा की अब आप ही बताएं की आपके पास कितना समय बचता है बाक़ी कामो को करने में , सही में , हम सब कुछ क्षण तो स्तब्ध रह गए
क्या हम अपने समय का सही उपयोग कर रहें हैं
हमें सोचना होगा की जितना भी समय हमारे पास है उसका सदुपयोग कैसे करें
समय एक ऐसी वास्तु है जो एक बार हाथ से निकल जाए तो वापस नहीं आता है , ये तो बालू की तरह से होता है , जो हाँथ से छूट ता रहता है ,हम चाहें तो भी गए समय को वापस नहीं ला सकते .
अभी भी समय है की हम समय का महत्व समझे और एक बैलेंस लाइफ व्यतीत करने प्रयास करें , क्यों की बाद में कहीं बहुत देर न हो जाए !
अभी भी संभल जाएँ कहीं हमें पछताना न पड़े.
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